पिता होता है बनता नहीं
ॐ पितापुरुष नहींपद हैसनातन पर निर्भारप्रथम पिता नेअपनी संतति कोअपार धरती , प्राण वायुप्रकृति का उदार स्नेह,नदियां ,पर्वत , जीवन बांटती वनस्पतियां चांद, सूरज, तारे,आकाशकी देखरेख में ,काल की अदृश्य उपस्थितिसौंपकरइस पद का अभिषेक किया होगा पिता होता हैबनता नहीं। pita purush nahin pad hai sanaatan par nirbhaar pratham pita ne apanee santati...