ॐ पितापुरुष नहींपद हैसनातन पर निर्भारप्रथम पिता नेअपनी संतति कोअपार धरती , प्राण वायुप्रकृति का उदार स्नेह,नदियां ,पर्वत , जीवन बांटती वनस्पतियां चांद, सूरज, तारे,आकाशकी देखरेख में ,काल की अदृश्य उपस्थितिसौंपकरइस पद …
maa ke din din hi nahin hote the maa ke paas din to usaki band hatheli mein hote the jab chaahati thi khol kar hathelee jhaad deti thi
Un abodh shishuon ko Jinhen abhee abhee saans milee hai Jo kisee bhee khataron ko soongh nahin paate Jinhen ek maut se abhee abhee chhutakaara mila tha
Ab chup bhee raho Ab hamaaree suno Pahale apane naakhoon panjon ko sameto Ab yah dekho Kya koee jinda bhee bacha ?
Meri Maa ek nadi thi naam tha narmada apna dastakhat bhi karti thi kahate hain desh nadi se hi janam leta hai
ॐ जन गण मन अभिशप्त आतंकित हो उठा है जिस किसी ने अपने चेहरे होर्डिंगों में हाथ जोड़े नम्रता की कोशिशों में गौर से देखो ,चमक उसकी नज़र की …
ॐ शाम होते ही हवाएँ गुम हैं साँस लें भी तो नहीं और जियें कैसे दिन के हर गर्दो गुबारों को लिए लौटा हूँ घर वह तो जब भूल …
ॐ निकला नहीं हूँ अब तक मगर निकाल दिया जाऊँगा –जब जोखिम का एक विशाल शिला खंड तुम्हारी ओर लुढकाने तुम्हारी पीढ़ी दर पीढ़ी को अचानक किसी दोपहर कुछ …
ॐ बख्श दीजिये आँखों पे ना इतना चढ़ाइए कल कोई पहचानने से इंकार ना कर दे शब्द अजन्मा अशेष शाश्वत मूल धातु तो ध्वनि है जो आकृति –मूलक होकर आकार …
ॐ हमारे मोहल्ले में – सुबह होती है कुछ लोग हाथ में झाड़ू ,पानी भरा मग लगभग दौड़ते हुए / सब के पांव धोती लुंगी पाजामे में पहुँचने जर्जर …