We read to know we\'re not alone...

वेस्ट डीकंपोजर और भारतीय कृषि परम्परा

अभी अभी वर्तमान भारत सरकार द्वारा राष्ट्र -हित की अनेक परिकल्पनाओं और लिए गए संकल्पों में जैविक खेती को प्रमुखता प्रदान की गयी है | इसके लिए सरकार का कृषि मंत्रालय व्यापक अनुसन्धान ,छोटे बड़े सेमिनार का आयोजन राज्य सरकारों के सहयोग से पंचायत तक प्रचार प्रसार तथा प्रयोग का कार्यक्रम...

एक पहल,

जब सोच दिशाहीन होने लगे और सकारात्मकता का आभाव स्पस्ट दिखाई पड़े, वह समय भ्रम की स्थिति पैदा करने वाला समय होता है। यह भ्रम किसी कार्य को करने या न करने के संदार्ब में नहीं बल्कि उस मानसिक प्रविर्ती को दर्शाता है जब अपनी ही कार्य छमता पर...

पिता होता है बनता नहीं

ॐ पितापुरुष नहींपद हैसनातन पर निर्भारप्रथम पिता नेअपनी संतति कोअपार धरती , प्राण वायुप्रकृति का उदार स्नेह,नदियां ,पर्वत , जीवन बांटती वनस्पतियां चांद, सूरज, तारे,आकाशकी देखरेख में ,काल की अदृश्य उपस्थितिसौंपकरइस पद का अभिषेक किया होगा पिता होता हैबनता नहीं। pita purush nahin pad hai sanaatan par nirbhaar pratham pita ne apanee santati...

उपन्यास साहित्य की परम्परा में मील के पत्थर – प्रेमचंद

Now the critics of Hindi literature are of the opinion that the actual writing work of novel literature was done with Premchand, and whatever format or format we have received from Premchand pre-caste literature, from the historical point of view, is still controversial on the criterion of the novel

जाति प्रश्न

ॐ इस समय कहीं भी ,कभी भी चाहे बौद्धिक या अबौद्धिक, दैनिक जीवन के विचारों में जिस निष्फल प्रश्न को जन्म देते हैं , वह है –जाति प्रश्न | इस देश का दुर्भाग्य कि जो भी जन्म लेता है वह किसी जाति विशेष का ही जातक होता है |...

शहर शुभकामनाओं से टंगा भरा है

ॐ जन गण मन अभिशप्त आतंकित हो उठा है जिस किसी ने अपने चेहरे होर्डिंगों में हाथ जोड़े नम्रता की कोशिशों में गौर से देखो ,चमक उसकी नज़र की एक भूखे भेड़िए की लपलपाती जीभ टपकती लार की बूंदों से नहाये ,गंधाये वे शब्द हर नुक्कड़ को अपने अपने...